हिंदुस्तान के इतिहास में पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनी द्रोपति मुर्मू

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नई दिल्‍ली ।  देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, आज़ादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आज 21 जुलाई को देश में खुशी का माहाैल छा गया, क्‍योंकि पहली बार ऐसा मौका है। जब एक आदिवासी घर की बेटी (द्रौपदी मुर्मू) देश की राष्ट्रपति चुनी गई। आज सुबह से सभी की निगाहे राष्ट्रपति चुनाव के वोटों की गिनती पर टिकी रही, और अब फाइनल नतीजे आ गए है। और देश में नया इतिहास बना।

द्रौपदी मुर्मू को मिले अधिक वोट : राष्ट्रपति चुनाव के वोटों की गिनती में यशवंत सिन्‍हा से अधिक वोट द्रौपदी मुर्मू को प्राप्‍त हुए है। उन्होंने राष्ट्रपति बनने के लिए जरूरी 50% वोट पा लिये। सबसे अधिक वोट मिलने पर राष्ट्रपति पद के लिए जनजातीय समुदाय से आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू विजय हुई। अब राम नाथ कोविंद की जगह द्रौपदी मुर्मू होंगी। राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी ने बताया,
“तीसरे दौर की मतगणना में कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा और पंजाब शामिल हैं। इस दौर में कुल वैध मत 1,333 हैं। जिनकी कुल वैल्यू 1,65,664 है। द्रौपदी मुर्मू को 812 वोट मिले, यशवंत सिन्हा को 521 वोट मिले।”

दूसरी बार देश के राष्‍ट्रपति की कमान महिला हाथ :
गौर करने वाली बात तो यह है कि, ऐसा पहली बार है, जब पार्षद रह चुका कोई व्यक्ति भारत के राष्ट्रपति की कुर्सी तक पहुंचा हो। देश की पहली बार किसी आदिवासी महिला को राष्ट्रपति के लिए चुना है। तो वहीं, इससे पहले भारत को ‘प्रतिभा पाटिल’ (Pratibha Patil) के रूप में पहली महिला राष्ट्रपति बन चुकी है। और अब दूसरी बार देश के राष्‍ट्रपति कमान की बड़ी जिम्मेदारी महिला को मिली, अब देश के राष्‍ट्रपति का पदभार ‘द्रौपदी मुर्मू’ (Draupadi Murmu) संभालेंगी। वर्तमान में देश के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद है। इनका कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है।
कौन हैं द्रौपदी मुर्मू : द्रौपदी मुर्मू का जन्म २० जून १९५८ को ओड़िशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में एक संथाल परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम बिरंचि नारायण टुडु था। उनके दादा और उनके पिता दोनों ही उनके गाँव के प्रधान रहे।
उन्होंने श्याम चरण मुर्मू से विवाह किया। उनके दो बेटे और एक बेटी हुए। दुर्भाग्यवश दोनों बेटों और उनके पति तीनों की अलग-अलग समय पर अकाल मृत्यु हो गयी। उनकी पुत्री विवाहिता हैं और भुवनेश्वर में रहतीं हैं।
द्रौपदी मुर्मू ने एक अध्यापिका के रूप में अपना व्यावसायिक जीवन आरम्भ किया। उसके बाद धीरे-धीरे राजनीति में आ गयीं।

राजनीतिक जीवन :    द्रौपदी मुर्मू ने साल 1997 में राइरंगपुर नगर पंचायत के पार्षद चुनाव में जीत दर्ज कर अपने राजनीतिक जीवन का आरंभ किया था।
उन्होंने भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। साथ ही वह भाजपा की आदिवासी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य भी रहीं है।
द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के मयूरभंज जिले की रायरंगपुर सीट से 2000 और 2009 में भाजपा के टिकट पर दो बार जीती और विधायक बनीं। ओडिशा में नवीन पटनायक के बीजू जनता दल और भाजपा गठबंधन की सरकार में द्रौपदी मुर्मू को 2000 और 2004 के बीच वाणिज्य, परिवहन और बाद में मत्स्य और पशु संसाधन विभाग में मंत्री बनाया गया था।

द्रौपदी मुर्मू मई 2015 में झारखंड की 9वीं राज्यपाल बनाई गई थीं उन्होंने सैयद अहमद की जगह ली थी। झारखंड उच्च न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह ने द्रौपदी मुर्मू को राज्यपाल पद की शपथ दिलाई थी।
झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बनने का खिताब भी द्रौपदी मुर्मू के नाम रहा।  साथ ही वह किसी भी भारतीय राज्य की राज्यपाल बनने वाली पहली आदिवासी भी हैं।
द्रौपदी मुर्मू ने 24 जून 2022 में अपना नामांकन किया, उनके नामांकन में  पीएम मोदी प्रस्तावक और राजनाथ सिंह अनुमोदक बने।

साल 2000 से 2004 : उड़ीसा सरकार में राज्यमंत्री (ट्रांसपोर्ट एवं वाणिज्य विभाग) 

साल 2002 से 2004 : राज्यमंत्री (पशुपालन और मत्स्य पालन विभाग) 

साल 2002 से 2009 : BJP के एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य।

साल 2006 से 2009 : BJP के एसटी मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष।

साल 2013 से अप्रैल 2015 : एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य

साल 2015 से 2021 : झारखंड की राज्यपाल।

उड़ीसा के मयुरभंज में द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को हुआ था। उन्‍होंने रामादेवी महिला कॉलेज, भुवनेश्वर से अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। उनके पिता का नाम बिरांची नारायण टुडू पेशा और पति का नाम श्याम चरण मुर्मू है। उनकी एक बेटी भी है जिसका नाम इतिश्री मुर्मू है।
कब है राष्ट्रपति का शपथ :
इसके साथ यह खास जानकारी भी पता होना चाहिए कि, देश के राष्‍ट्रपति का शपथ के लिए 25 जुलाई की तारीख ही तय रहती है। राष्ट्रपति शपथ की तारीख को लेकर संविधान में किसी तरह का कोई उल्लेख नहीं है। दरअसल, भारत के 6वें राष्‍ट्रपति के रूप में नीलम संजीव रेड्डी ने 25 जुलाई 1977 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। इसके बाद से ही यह परंपरा लागू है, सभी देश के सभी राष्ट्रपति 25 जुलाई को ही शपथ लेते हैं। एवं भारत के राष्ट्रपति को देश के चीफ जस्टिस शपथ दिलाते हैं।
 

भारत के राष्ट्रपतियों के नाम :

1. डॉ॰ राजेंद्र प्रसाद

2. डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन
3. ज़ाकिर हुसैन
4. वराहगिरि वेंकट गिरि

5. फ़ख़रुद्दीन अली अहमद
6. नीलम संजीव रेड्डी
7. ज्ञानी जैल सिंह
8. रामास्वामी वेंकटरमण
9. शंकरदयाल शर्मा
10. के. आर. नारायणन
11. ऐ. पी. जे. अब्दुल कलाम
12. प्रतिभा पाटिल
13. प्रणब मुखर्जी
14. राम नाथ कोविन्द
15.द्रोपति मुर्मू


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