संविधान दिवस पर ऑल इंडिया यूनाइटेड मुस्लिम मोर्चा ने दिया जंतर-मंतर पर धरना
सुमेरा टाईम्स (सलीम जावेद)
मोहतरमा अफसाना सरवर ने मुख्य न्यायाधीश से इस मामले में जल्द से जल्द फैसला सुनाने का आग्रह किया। धरने के दौरान युवक-युवतियां ने भी मामले की सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश से गुहार लगायी।
नयी दिल्ली । संविधान दिवस के मौके पर ऑल इंडिया यूनाइटेड मुस्लिम मोर्चा ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर सांकेतिक धरना दिया।
इस अवसर पर मोर्च के राष्ट्रीय प्रवक्ता हाफिज़ ग़ुलाम सरवर ने कहा कि हमारा संविधान तो 26 नवंबर1949 को मुकम्मल हो चुका था और इसे पंडित नेहरू की सरकार को सौंप दिया गया था। उस समय हमारा संविधान 100% धर्मनिरपेक्ष था, लेकिन 1 अगस्त को राष्ट्रपति के फरमान के साथ पैराग्राफ III ने इसकी धर्मनिरपेक्ष छवि को बुरी तरह से विकृत कर दिया।
26 जनवरी 1950 को अधिनियमन के सिर्फ 6,7 महीने बाद इस राष्ट्रपति के फरमान को धारा 341 में जोड़ा गया था। परिणामस्वरूप गैर-हिंदू दलित जनसंख्या (एससी) को समुदाय से बाहर रखा गया ।
मोहतरमा अफसाना सरवर ने मुख्य न्यायाधीश से इस मामले में जल्द से जल्द फैसला सुनाने का आग्रह किया। धरने के दौरान युवक-युवतियां ने भी मामले की सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश से गुहार लगायी।
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