पहाड़ों में क्रिकेट सुविधाएं मुहैया कराना सबसे बड़ा लक्ष्य :- महिम वर्मा
सुमेरा टाईम्स
- सालों के इंतज़ार और लम्बी लड़ाई के बाद 2 साल पहले उत्तराखंड क्रिकेट को बीसीसीआई से मान्यता मिली ,
- तमाम एसोसिएशन के बीच बीसीसीआई ने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड पर विश्वास जताया ।
- पहले मान्यता मिली और फिर सीएयू सचिव महिम वर्मा को बीसीसीआई उपाध्यक्ष बनाया गया ।
- जिसके बाद महिम वर्मा ने सीएयू सचिव पद से इस्तीफा दिया और वापस सीएयू सचिव पद के लिए चुनाव लड़ा ।
- श्री वर्मा के इस फैसले से ज़्यादातर लोग हैरान थे लेक़िन महिम कहते है कि उनके लिए प्राथमिकता उत्तराखंड है ।
तो चलिए महिम वर्मा से ही जानते है इस सफर और आगे के प्लान के बारे में ।
1. सवाल - महिम जी इंडिया में क्रिकेट को धर्म के रूप में पूजा जाता है और बीसीसीआई भी दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है । आप देहरादून जैसे छोटे शहर से जाकर बीसीसीआई उपाध्यक्ष बनते है वो काबिलेतारीफ है लेकिन इतने बड़े पद से इस्तीफ़ा देना उतना ही आश्चर्यचकित । क्या कारण रहा?
- जवाब - देखिये बड़ा छोटा सही गलत कुछ नही होता , समय होता है , किस समय क्या जरूरी है वो मायने रखता है । मुझे बीसीसीआई जैसी बड़ी संस्था ने उपाध्यक्ष पद के लिए निर्विरोध चुना इसके लिए तमाम लोगो का शुक्रिया , लेकिन मुझे महसूस हुआ कि उत्तराखंड को अभी अभी मान्यता मिली है उसको जरूरत है केयर की , उसे जरूरत है विजन की और उसे जरूरत है प्लानिंग की । इस लिए मैंने फिर से अपने सबसे बड़े और जरूरी लक्ष्य की तरफ मूव किया जोकि उत्तराखंड क्रिकेट है ।
सवाल - वर्मा जी आप बीसीसीआई उपाध्यक्ष पद पर कम ही समय के लिए रहे लेकिन फिर भी मैं आपसे सवाल करूँगा , बीसीसीआई का अनुभव कितना काम आ रहा है उत्तराखंड क्रिकेट में !
- जवाब - सही कहा आपने बीसीसीआई उपाध्यक्ष के तौर पर मैं कम समय के लिए रहा लेकिन इस बीच कई मीटिंग्स में भाग लिया , सेंकडो लोगो से मिला , सेकेट्री जय शाह व प्रेजिडेंट सौरव गांगुली से सेंकडो बार बातचीत हुई । साथ ही राहुल द्रविड़ , अनिल कुंबले जैसे काबिल क्रिकेटरों से भी उत्तराखंड क्रिकेट के बारे में बात की ।
उसका फायदा आज मिल रहा है । हम उत्तराखंड क्रिकेट को वर्ल्डक्लास सुविधाएं देना चाहते है ।
मेरी अभी भी लगातार सभी बीसीसीआई ऑफिशियलस से बात होती है । बीसीसीआई सचिव श्री जय शाह जी उत्तराखंड प्रभारी भी है तो जल्द ही आप उत्तराखंड क्रिकेट में एक सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे ।
सवाल :- कोविड-19 महामारी के चलते दुनियाभर में क्रिकेट बन्द हो गया था , उन हालातो में किस तरह से फिर से क्रिकेट और खिलाड़ियों को एक्टिव किया गया और क्या क्या चुनोतियाँ आपके सामने आई !
- जवाब :- देखिए सबसे पहले और सबसे बड़ी चुनोती हमारे सामने थी कि कैसे हम अपने खिलाड़ियों को मानसिक और शारीरिक रूप से एक्टिव रख पाए , इसी लिए हमने ऑनलाइन फ़िटनेस प्रोग्राम चालू किये , साथ ही घर पर रहकर योगा , मेडिटेशन आदि करने की सलाह अपने खिलाड़ियों को दी । इसके बाद सीनियर टीम ( महिला व पुरुष ) दोनों के लिए बायो-बबल प्रक्रिया के तहत महीने भर के कैम्प का आयोजन भी किया गया । ऐसा करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बना , जिसकी प्रशंसा कई दिग्गज़ों ने की ।
सवाल :- आपने कहा तमाम चीज़े हमारे विजन में है ! लेकिन कब तक ? क्योंकि लोग कह रहे है कि ये सिर्फ खोखले राजनीतिक वादे है .
- जवाब :- देखिए , ना तो मैं राजनेता हूँ और ना ही खोखले वादे कर रहा हूँ , इस तरह के आरोप लगाने वाले लोग खुद राजनीति से ग्रस्त है । हर चीज़ का समय होता है , सभी जानते है कोरोनाकाल मे किस तरह से देश- दुनिया को प्रभावित किया है ।
हमने लगातार बॉयो-बबल जैसी खर्चीली प्रकिया वाले कैम्प आयोजित किये,
इसके अलावा ट्रायल्स , ट्रायल मैच , फ़िटनेस कैम्प , टूर्नामेंटों का आयोजन भी कराया जा रहा है जिसकी वजह से बाकी चीज़ों को पूरा करने में समय लग रहा है . लेकिन मैँ विश्वास दिलाता हूं , सीएयू अपना एक एक वादा निभाएगी ।
सवाल :- महिम जी भविष्य में क्या योजनाएं है जो आप उत्तराखंड क्रिकेट की बेहतरी के लिए करने जा रहे है!
- जवाब :- देखिए क्रिकेट में योजनाओं(प्लानिंग) जरूरी है , लेकिन आखिर में आप मैदान पर क्या करते है ये मायने रखता है । इसी लिए हम योजनायें बनाने से ज्यादा , काम करने में विश्वास रखते है । सीएयू ने अच्छे खिलाडियो को प्रोत्साहन राशि देने का एलान किया , सीजन में अच्छा करने वाले खिलड़ियों को अवार्ड देने की परम्परा शुरू की गई , उत्तराखंड के लोगो को नोकरियाँ दी जा रही है ।
वीडियोएनालिसिस, अंपायर , स्कोरर ,फ़िटनेस ट्रेनर आदि क्षेत्रों में वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है । देखिएगा आने वाले समय मे इन प्रोग्रामो के अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे ।
सवाल :- महिम जी उत्तराखंड प्रदेश की भौगोलिक स्थिति तो आप अच्छी तरह समझते है , देहरादून , रुड़की हरिद्वार को छोड़ दे तो बाकी सभी पहाड़ी जिलों में सुविधाओं का अभाव है , पहाड़ो में किस तरह से क्रिकेट का डवलपमेंट किया जा रहा है ?
- जवाब :- देखिए मेरा और सीएयू का हमेशा से एक ही लक्ष्य रहा है , "पहले पहाड़ , पहले पहाड़ी" , क्योंकि हम सभी जानते है पहाड़ो में जीवन कितना चुनोतीपूर्ण होता है , वहां टैलेंट तो है बस उसे निखारने की जरूरत है । उसी कड़ी में मैंने चंपावत , नैनीताल , अल्मोड़ा , बागेश्वर , टिहरी समेत कई जगह का दौरा किया , वहां बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए हम संकल्पित है , टर्फ विकेट हों या अच्छे मैदान , बढ़िया एकेडमी हो या टूर्नामेंट का आयोजन । सब हमारे विजन में है । और लगातार चीज़े आगे बढ़ भी रही है ।
हमने पहली बार देहरादून से बाहर , काशीपुर में कई कैम्प आयोजित किये । इसके अलावा भी बाकी पहाड़ी एसोसिएशन अपने स्तर पर अपने ग्राउंड्स व इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रही है और सीएयू उनके साथ हर तरह से खड़ी है ।
सवाल - महिम जी उत्तराखंड में फ़र्ज़ी पेपर बनवाकर क्रिकेट खेलने और खेलने की कोशिश करने वालो के को लेकर लगातार आवाज़ उठ रही है , सीएयू क्या क्या कदम उठा रही है !
- जवाब :- देखिए ये विषय बहुत गम्भीर है, हमें लगातार इस तरह की शिकायतें मिल रही थी, इसका जल्द से जल्द समाधान करना भी उतना ही जरूरी था , इसलिए हमनें एक जांच कमेटी का गठन किया , 5 अनुभवी लोगो के इस कमेटी ने तुरन्त एक सिस्टम के तहत सभी शिकायतों पर जांच शुरू की । तमाम डिस्ट्रिक्ट इकाइयों को भी चेताते हुए , कड़ाई से पेपर्स चैक करने के निर्देश दिए । जिसके परिणाम सामने आ रहे है । हमारे लिए उत्तराखंड सर्वोपरि है , हमे देर से क्रिकेट मान्यता मिली है जिसकी वजह से पहले ही बहुत प्रतिभाओ का नुकसान हुआ है अब और नुकसान हम नही होने देना चाहते है ।
सवाल :-पिछले साल सईद मुश्ताक अली ट्रॉफी व विजय हजारे ट्रॉफी में सीनियर टीम के प्रदर्शन से कितना संतुष्ट है , साथ ही इस सीजन में क्या संभावनाएं देख रहे है !
- जवाब :- देखिए सईद मुश्ताक अली ट्रॉफी में हमारे पूल में अच्छी टीमें थी , बड़ौदा के ख़िलाफ़ पहले मैच में हम जीत के काफी करीब थे , महाराष्ट्र जैसी बड़ी टीम को हमने हराया भी , साथ ही एक दो मुकाबलों में भी हम जीत के काफी करीब पहुँच कर हारे ।
उसके बाद विजय हज़ारे में कुछ परिवर्तन टीम में किये गए , जिसके सुखद परिणाम हम सबके सामने है , हम 5 मैच जीतने के बाद एलिमिनेटर मैच में दिल्ली के सामने थे , उन्ही के होम ग्राउंड पर । टॉस हारने के बाद जिस तरह से हमारे बल्लेबाजों में प्रदर्शन किया वो काबिलेतारीफ़ है , हम 92 ओवर तक मैच में थे ।
मैं कहूंगा हम हर क्षेत्र में दिल्ली से अच्छा और आगे थे , बस अनुभव कहीं ना कहीं आड़े आया ।
खैर हार जीत खेल का हिस्सा है लेक़िन आप लड़कर खेले ये मायने रखता है ।
2021-22 सीजन की बात करें तो इस बार पूरा सीजन होने जा रहा है , ट्रायल्स , ट्रायल मैचों द्वारा तमाम टीमो को बनाने की प्रक्रिया चालू है , सबसे पहले अंडर - 19 टूर्नामेंट होने जा रहा है , हमारी दोनों टीमों ( बालक व बालिका ) ने कर्नाटक में हुए ट्रायल मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया है । साथ ही सीनियर टीमों से भी काफी उम्मीदें है । कोरोना की वजह से इस बार भी डिस्ट्रिक्ट लीग नही हो पाई , इस लिए हम ज्यादा से ज्यादा ट्रायल मैचों के जरिये टीमें बनाने की कोशिश कर रहे है । हर एक बच्चे को ज्यादा से ज्यादा और समान मौका मिले , यहीं हमारा प्रयास है ।
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