मोदी सरकार में मंत्रिमंडल का हुआ विस्तार, युवाओं और महिलाओं की बढ़ी भागीदारी



हाइलाइट्स:

  • मोदी 2.0 के पहले कैबिनेट विस्तार में 36 नए चेहरों को मिली जगह, 7 मंत्रियों का प्रमोशन
  • यूपी से सबसे ज्यादा 7 नए मंत्री बनाए गए, महाराष्ट्र, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल से 4-4 नए मंत्री
  • नए मंत्रियों में 8 की उम्र 50 साल या उससे कम, अब टीम मोदी की औसत उम्र 58 साल
  • 7 महिलाओं को भी मिली जगह, चुनावी राज्यों पर खास फोकस, क्षेत्रीय संतुलन के साथ सहयोगियों को भी साधा
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय मिला, अमित शाह- गृह और सहकारिता मंत्रालय, राजनाथ सिंह रक्षा मंत्रालय, निर्मला सीतारमण वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री होंगी: राष्ट्रपति भवन
  • खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय पशुपति पारस को दिया गया है और कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल को अब कपड़ा मंत्रालय भी सौंपा गया है।
  • मोदी कैबिनेट में प्रमोशन पाने वाले अनुराग ठाकुर को बड़ी जिम्मेदारी मिली है, उन्हें किरण रिजिजू की जगह युवा, खेल मंत्री बनाया गया है. इसके अलावा वो सूचना और प्रसारण मंत्री भी बनाए गए हैं।
  • मनसुख मांडविया को स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ-साथ रसायन और उर्वरक मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
  • हरदीप पुरी को पेट्रोलियम मंत्री बनाया गया, साथ ही शहरी विकास मंत्री भी बने रहेंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया नए एविएशन मंत्री बने।

नई दिल्ली ।  मोदी मंत्रिपरिषद विस्तार में 36 नए चेहरों को जगह दी गई है। 7 पुराने मंत्रियों को प्रमोट किया गया है। विस्तार से पहले कुल 13 मंत्रियों के इस्तीफे हुए। मंत्रिपरिषद विस्तार में चुनावी राज्यों का खास ख्याल रखा गया है। इसके अलावा क्षेत्रीय और जातीय संतुलन साधने की भी कोशिश की गई है। आइए देखते हैं मंत्रिपरिषद विस्तार की खास बातें।

            प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले मंत्रिपरिषद विस्तार में कई युवाओं को मौका दिया है। मंत्रिपरिषद विस्तार में चुनावी राज्यों का खास ख्याल रखा गया है। इसके अलावा जेडीयू, एलजेपी और अपना दल जैसे गठबंधन सहयोगियों को भी प्रतिनिधित्व दिया है। मंत्रिपरिषद विस्तार में क्षेत्रीय से लेकर जातिगत समीकरणों को भी साधने की कोशिश की गई है, वहीं प्रशासनिक अनुभव वालों को भी जगह दी गई है। आइए, देखते हैं मोदी मंत्रिपरिषद विस्तार की खास बातें-
         मोदी मंत्रिपरिषद में शामिल नए 36 मंत्रियों में 8 ऐसे हैं जिनकी उम्र 50 साल से कम है। पश्चिम बंगाल के कूचबिहार से पहली बार सांसद बने निशिथ प्रमाणिक सबसे कम उम्र के मंत्री हैं। उनकी उम्र महज 35 साल है। वहीं बंगाल के ही बनगांव से पहली बार सांसद बने शांतनु ठाकुर की उम्र 38 साल है। वह बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी के बांग्लादेश दौरे पर उनके साथ गए थे। इनके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया (50), अश्विनी वैष्णव (50), अनुप्रिया पटेल (40), भारती प्रवीण पवार (42), जान बरला (45) और एल. मुरुगन (44) की उम्र 50 साल या उससे कम है। मंत्रिपरिषद विस्तार के बाद अब टीम मोदी की औसत उम्र 58 साल हो गई है।


चिराग को झटका : लोजपा के बागी पशुपति पारस को मंत्री पद का तोहफा   

           लोजपा पहले भी मोदी मंत्रिमंडल का हिस्सा रही है, जिसका प्रतिनिधित्व अब तक रामविलास पासवान करते आ रहे थे. उनकी मृत्यु के बाद चिराग पासवान को यह उम्मीद थी कि उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी, लेकिन उनकी जगह अब पशुपति पारस ने ले ली है।

          लोकजनशक्ति पार्टी में फूट डालकर चिराग पासवान की राजनीति में अंधेरा करने वाले उनके चाचा पशुपति पारस को मंत्री पद का तोहफा मिल गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की जगह मोदी की नई टीम में अब पशुपति कुमार पारस की इंट्री तय हो गई है। मोदी की टीम से चिराग पासवान को बाहर निकालने के लिए जहां यह एक तरफ मोदी सरकार की तरफ से पशुपति पारस को दिया गया ईनाम है, तो दूसरी तरफ चिराग के लिए इसे एक संदेश माना जा रहा है।


चिराग के हाथ में पार्टी की बागडोर आने से नाराजगी
         अपने भाई रामविलास पासवान की छत्रछाया में रहकर अपनी राजनीति शुरु की और जब तक उनके भाई जीवित रहे उनके हिसाब से ही चलते रहे। लेकिन बताया जाता है कि जब रामविलास पासवान ने पार्टी की बागडोर चिराग के हाथों में सौंपी तो उसके बाद से ही पशुपति पारस अनमने से हो गए। उन्हें चिराग की अगुआई में काम करना रास नहीं आ रहा था।

         कई मुद्दों पर उनके बीच मनमुटाव होता रहा। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान नीतीश सरकार को समर्थन देने के मुद्दे पर दोनों में टकराव बढ़ा और मौका पाते ही उन्होंने पार्टी में बगावत कर दी और अपना गुट लेकर चिराग से अलग हो गए। पशुपति अपन साथ एलजेपी के अन्य 4 सांसद भी ले आए और चिराग को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया।
 

लोजपा में फूट डालने के साथ ही एनडीए को दिया समर्थन

 लोजपा संसदीय दल के नए नेता  पशुपति पारस ने लोजपा में फूट डालने के साथ ही बिहार की एनडीए की सरकार को अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि वे एनडीए के साथ हैं और रहेंगे।  गौरतलब है कि लोजपा पहले ही मोदी मंत्रिमंडल का हिस्सा रही है, जिसका प्रतिनिधित्व अब तक रामविलास पासवान करते आ रहे थे।

         उनकी मृत्यु के बाद चिराग पासवान को यह उम्मीद थी कि उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी, लेकिन जिस तरह चिराग ने बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश का विरोध किया था उसे देखते हुए यह आसानी से समझा जा सकता है कि आखिर क्यों चिराग की जगह पशुपति पारस मंत्री बनाए जा रहे हैं।

        लोजपा कोटे से मोदी मंत्रिमंडल में एक जगह खाली थी जिसे चिराग को देकर भाजपा नीतीश कुमार को नाराज नहीं करना चाहती थी, क्योंकि चिराग ने बीते साल बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू को बहुत नुकसान पहुंचाया है।  कहा तो यह भी जाता है कि लोजपा में फूट के पीछे की असली पटकथा जदयू ने ही लिखी थी कि ताकि चिराग के राजनीतिक भविष्य को अनिश्चितकाल के लिए अंधेरे में डूबा दिया जाए।


मोदी सरकार से रविशंकर, जावड़ेकर और हर्षवर्धन जैसे दिग्गज मंत्री क्यों हुए बाहर, जानें असली वजह

 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल का बुधवार को विस्तार हुआ। 15 कैबिनेट मंत्रियों और 28 राज्य मंत्रियों ने पद की शपथ ली। असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, मध्यप्रदेश के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और लोजपा नेता पशुपति पारस को मंत्री बनाया गया है। 
          मोदी सरकार में नए मंत्रियों की एंट्री से ज्यादा मंत्रियों की छुट्टी ज्यादा चर्चा का विषय रही। हेल्थ मिनिस्टर से लेकर एजुकेशन मिनिस्टर और आईटी मिनिस्टर से लेकर आईएनबी मिनिस्टर और लेबर मिनिस्टर की छुट्टी की गई है। कुल मिलाकर 12 मंत्रियों को मोदी मंत्रिमंडल से बाहर किया गया है। कानून और आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद को मंत्रिमंडल से बाहर किया गया है। प्रसाद ट्विटर बनाम सरकार की लड़ाई में सरकार का चेहरा थे और इस मामले में यह आरोप लगे कि सरकार सोशल मीडिया को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है। ट्विटर ने जब कुछ घंटे के लिए रविशंकर प्रसाद का अकाउंट लॉक किया तो प्रसाद के रिएक्शन को लेकर भी सोशल मीडिया में काफी खिंचाई हुई।


क्या ट्विटर विवाद के कारण बाहर हुए प्रसाद
प्रधानमंत्री मोदी शुरू से ही अपने मंत्रियों और सांसदों को सोशल मीडिया के बेहतर इस्तेमाल और इसके जरिए लोगों तक पहुंच बढ़ाने के लिए कहते रहे हैं। माना जा रहा है कि प्रसाद ने ट्विटर विवाद को सही से हैंडल नहीं किया, जिसकी वजह से सरकार और पीएम पर भी सवाल उठे, जो उनकी छुट्टी की एक वजह बना। प्रसाद के पास कानून मंत्रालय भी था। पिछले महीने ही दिल्ली हाईकोर्ट ने एक मामले में सख्त टिप्पणी की थी। पिंजरा तोड़ ग्रुप की सदस्य नताशा समेत तीन आरोपियों को जमानत देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य ने संवैधानिक रूप से मिले विरोध के अधिकार और आतंकी गतिविधियों के बीच की लाइन को धुंधला कर दिया है। कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में भी कई मामलों में कानून मंत्रालय सरकार का पक्ष मजबूती से नहीं रख पाया।


जानें जावडेकर के इस्तीफे की वजह
सूचना- प्रसारण मंत्री और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से भी इस्तीफा ले लिया गया। सरकार के प्रवक्ता होने के नाते जावड़ेकर और उनके मंत्रालय की जिम्मेदारी थी कि वह कोरोना काल में सरकार की इमेज सही करने के लिए कदम उठाएं लेकिन उनका मंत्रालय इसमें असफल रहा। देसी मीडिया के अलावा विदेशी मीडिया में भी सरकार की बहुत किरकिरी हुई और सीधे पीएम मोदी की इमेज पर असर पड़ा। जावडेकर की उम्र भी उनके हटने की एक वजह बताई जा रही है। वह 70 साल के हैं।

क्या कोविड मिसमैनेजमेंट के कारण हटे हैं हर्षवर्धन

हेल्थ मिनिस्टर डॉ हर्षवर्धन को भी मोदी मंत्रिमंडल से हटाया गया है। इसकी चर्चा काफी दिनों से चल रही थी और कोरोना की दूसरी लहर में मिसमैनेजमेंट को लेकर हेल्थ मिनिस्टर लगातार विपक्ष के निशाने पर भी थे। हॉस्पिटल बेड की कमी, ऑक्सिजन की कमी और दिक्कतों से निपटने में हेल्थ मिनिस्टर का एक्टिव ना दिखना उनके जाने की वजह बना। कोरोना की दूसरी लहर में सरकार पर भी कई सवाल उठे और हेल्थ मिनिस्ट्री हालात से निपटने के अलावा सरकार के खिलाफ लगातार नेगेटिव बन रहे परसेप्शन से डील करने में असफल रही। पिछली सरकार में भी हर्षवर्धन से हेल्थ मिनिस्ट्री वापस ली गई थी।


स्वास्थ्य कारणों से शिक्षा मंत्री के पद से हटे निशंक
एजुकेशन मिनिस्टर रमेश पोखरियाल निशंक का भी इस्तीफा लिया गया है। उनका खराब स्वास्थ्य इसकी वजह बताई जा रही है। कोरोना संक्रमित होने के बाद उन्हें काफी दिक्कत आ गई थी। कोरोना से रिकवर होने के बाद उन्हें कई तरह की दिक्कत हुई और 15 दिन तक आईसीयू में रहना पड़ा। हालांकि उनकी क्वॉलिफिकेशन को लेकर भी बीच बीच में विपक्ष सवाल उठाता रहा है।


गंगवार को इस वजह से मंत्रिमंडल से हटाया गया
लेबर मिनिस्टर संतोष गंगवार को भी मोदी मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। कोरोनाकाल में प्रवासी मजदूरों की दिक्कतों को सही से डील न करने को लेकर लेबर मिनिस्ट्री सवालों के घेरे पर थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मसले पर मिनिस्ट्री पर सख्त टिप्पणी की थी। प्रवासी मजदूरों की खराब हालत को लेकर सरकार पर देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब सवाल उठे।

        कोरोना काल में किस मंत्री का परफॉरमेंस कैसा रहा, यह उनके मंत्रिमंडल में रहने या जाने का एक बड़ा फैक्टर रहा। पिछले एक महीने से पीएम मोदी पार्टी के सीनियर नेताओं के साथ मिलकर हर मंत्री की परफॉरमेंस का रिव्यू कर रहे थे और सबका रिपोर्ट कार्ड भी तैयार किया गया।

       केमिकल और फर्टिलाइजर मिनिस्टर सदानंद गौड़ा को भी हटाया गया है और इसके पीछे कर्नाटक में सरकार के भीतर चल रही उथल पुथल भी एक वजह बताई जा रही है। कर्नाटक से अब चार नए लोगों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है।

बाबुल सुप्रियो को मिली बंगाल में बीजेपी की हार की सजा
पश्चिम बंगाल चुनाव में बीजेपी के परफॉरमेंस की वजह से राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो और देबाश्री चौधरी की मंत्रिमंडल से छुट्टी हुई। मंत्री होने के बावजूद बाबुल सुप्रियो विधानसभा सीट भी नहीं जीत पाए। उनके कुछ बयानों ने भी पार्टी की किरकिरी की। देबाश्री चौधरी भी बंगाल चुनाव में असरदार साबित नहीं हुई।

        थावरचंद गहलोत को मंत्री पद से हटाकर कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया है और इसके पीछे उनकी उम्र को वजह बताया गया। राज्यमंत्री संजय धोत्रे को स्वास्थ्य वजह से इस्तीफा देना पड़ा। इसके अलावा रतनलाल कटारिया, प्रताप सारंगी को भी मंत्रिमंडल से हटाया गया। उनके रिपोर्ट कार्ड को इसका आधार बनाया गया।

पीएम मोदी के नए मंत्रिमंडल में अब कौन किस विभाग का मंत्री, पढ़ें पूरी लिस्ट

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल विस्तार में बड़े फेरबदल देखने को मिले हैं. कई नए चेहरों को जगह दी गई है तो कई बड़े मंत्रियों को बाहर का रास्ता भी दिखाया गया है. अब जान लीजिए इस बार कौन से नेता को किस मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है-

             प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल विस्तार में बड़े फेरबदल देखने को मिले हैं. कई नए चेहरों को जगह दी गई है तो कई बड़े मंत्रियों को बाहर का रास्ता भी दिखाया गया है. अब जान लीजिए इस बार कौन से नेता को किस मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है -

ये है मोदी कैबिनेट की नई लिस्ट.

कैबिनेट मंत्री (New Cabinet ministers)

1. राजनाथ सिंह - रक्षा मंत्री
2. अमित शाह - गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री
3. नितिन जयराम गडकरी - सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री
4. निर्मला सीतारमण - वित्त मंत्री और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री
5. नरेंद्र सिंह तोमर - कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री
6. डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर - विदेश मंत्री
7. अर्जुन मुंडा - जनजातीय मामलों के मंत्री
8. स्मृति जुबिन ईरानी - महिला एवं बाल विकास मंत्री
9. पीयूष गोयल - वाणिज्य और उद्योग मंत्री, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री और कपड़ा मंत्री
10. धर्मेंद्र प्रधान - शिक्षा मंत्री, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री
11. प्रल्हाद जोशी - संसदीय कार्य मंत्री, कोयला मंत्री, और खान मंत्री
12. नारायण तातू राणे - सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री
13. सर्बानंद सोनोवाल - बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री, आयुष मंत्री
14. मुख्तार अब्बास नकवी - अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री
15. वीरेंद्र कुमार - सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री
16. गिरिराज सिंह - ग्रामीण विकास मंत्री, और पंचायती राज मंत्री
17. ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया - नागरिक उड्डयन मंत्री
18. रामचंद्र प्रसाद सिंह - इस्पात मंत्री
19. अश्विनी वैष्णव - रेल मंत्री, संचार मंत्री, और इलेक्ट्रॉनिक्स-सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री
20. पशुपति कुमार पारस - खाद्य प्रसंस्करण, उद्योग मंत्री
21. गजेन्द्र सिंह शेखावत - जल शक्ति मंत्री
22. किरण रिजिजू - कानून और न्याय मंत्री
23. राज कुमार सिंह - विद्युत मंत्री, और ऊर्जा मंत्री
24. हरदीप सिंह पुरी - पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री, और आवास और शहरी मामलों के मंत्री
25. मनसुख मंडाविया - स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, और रसायन और उर्वरक मंत्री
26. भूपेंद्र यादव - पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, और श्रम और रोजगार मंत्री
27. महेंद्र नाथ पाण्डेय - भारी उद्योग मंत्री
28. पुरुषोत्तम रूपाला - मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री
29. जी. किशन रेड्डी - संस्कृति मंत्री, पर्यटन मंत्री, और पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्री
30. अनुराग सिंह ठाकुर - सूचना और प्रसारण मंत्री, और युवा मामले और खेल मंत्री
 

राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) (MoS Independent charge)

1. राव इंद्रजीत सिंह - सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), योजना मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री
2. डॉ. जितेंद्र सिंह - विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार),  पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधान मंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग में राज्य मंत्री; तथा अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री

राज्य मंत्री (MoS in Modi Cabinet)

1. श्रीपद येसो नाइक - बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री; और पर्यटन मंत्रालय में राज्य मंत्री
2. फग्गनसिंह कुलस्ते - इस्पात मंत्रालय में राज्य मंत्री, और ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री
3. प्रहलाद सिंह पटेल - जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री, और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री
4. अश्विनी कुमार चौबे - उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में राज्य मंत्री, और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री
5. अर्जुन राम मेघवाल - संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री, और संस्कृति मंत्रालय में राज्य मंत्री
6. जनरल (सेवानिवृत्त) वी. के. सिंह - सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री, और नागरिक उड्डयन मंत्रालय में राज्य मंत्री
7. कृष्ण पाल - विद्युत मंत्रालय में राज्य मंत्री,  और भारी उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री
8. दानवे रावसाहेब दादाराव - रेल मंत्रालय में राज्य मंत्री, कोयला मंत्रालय में राज्य मंत्री, और खान मंत्रालय में राज्य मंत्री
9. रामदास अठावले - सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री
10. साध्वी निरंजन ज्योति - उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में राज्य मंत्री, और ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री
11. डॉ. संजीव कुमार बाल्यान - मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय में राज्य मंत्री
12. नित्यानंद राय - गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री
13. पंकज चौधरी - वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री
14. अनुप्रिया सिंह पटेल - वाणिज्य मंत्रालय में राज्य मंत्री
15. एस. पी. सिंह बघेल - कानून और न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री
16. राजीव चंद्रशेखर - कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय में राज्य मंत्री, और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में राज्य मंत्री
17. शोभा करंदलाजे - कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री
18. भानु प्रताप सिंह वर्मा - सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय में राज्य मंत्री
19. दर्शन विक्रम जरदोश - कपड़ा मंत्रालय में राज्य मंत्री, और रेल मंत्रालय में राज्य मंत्री
20. वी. मुरलीधरन - विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री, और संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री
21. मीनाक्षी लेखी - विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री, और संस्कृति मंत्रालय में राज्य मंत्री
22. सोम प्रकाश - वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री

23. रेणुका सिंह सरुता - जनजातीय मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री
24. रामेश्वर तेली - पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री, और श्रम और रोजगार मंत्रालय में राज्य मंत्री
25. कैलाश चौधरी - कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री
26. अन्नपूर्णा देवी - शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री
27. ए. नारायणस्वामी - सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री
28. कौशल किशोर - आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री
29. अजय भट्ट - रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री, और पर्यटन मंत्रालय में राज्य मंत्री
30. बी एल वर्मा - उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री, और सहकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री
31. अजय कुमार - गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री
32. देवुसिंह चौहान - संचार मंत्रालय में राज्य मंत्री
33. भगवंत खुबा - नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय में राज्य मंत्री, और रसायन और उर्वरक मंत्रालय में राज्य मंत्री
34. कपिल मोरेश्वर पाटिल - पंचायती राज मंत्रालय में राज्य मंत्री
35. प्रतिमा भौमिक - सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री
36. डॉ. सुभाष सरकार - शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री
37. डॉ. भागवत किशनराव कराड - वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री
38. डॉ. राजकुमार रंजन सिंह - विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री, और शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री
39. डॉ. भारती प्रवीण पवार - स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री
40. बिश्वेश्वर टुडू - जनजातीय मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री, और जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री
41. शांतनु ठाकुर - बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री
42. डॉ. मुंजापारा महेंद्रभाई - महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री, और आयुष मंत्रालय में राज्य मंत्री
43. जॉन बारला - अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री
44. डॉ. एल. मुरुगन - मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय में राज्य मंत्री,  और सूचना और प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री
45. निसिथ प्रमाणिक - गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री, और युवा मामले और खेल मंत्रालय में राज्य मंत्री

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