फर्जी वकील का खुलासा, वक़्फ़ भूमाफिया नूर मौहम्मद के फर्जी वकील होने का मामला उजागर
सुमेरा टाईम्स । ग़ाज़ियाबाद । जनपद ग़ाज़ियाबाद में एक व्यक्ति ऐसा सामने आया है जो अपने को वकील लिखता है लेकिन वकालत की डिग्री तो छोड़िए बताया जा रहा है कि नूर मोहम्मद नाम के व्यक्ति ने स्कूल तक नही देखा है ।
जी हां हम कोई मजाक नही कर रहे है ये एक सच्चाई है जो पाठकों के सामने प्रस्तुत की जा रही है
विजय नगर के भूड़ भारत नगर इलाके में एक मस्जिद व मदरसा अरबिया इस्लामिया दारुल उलूम है जिसका वक़्फ़ नम्बर 533 ग़ाज़ियाबाद है जिसमे अवैध रूप से कब्जा करके वक़्फ़ सम्पत्ति को अपनी दादा इलाही सम्पत्ति बताकर अपने परिवार ही नही पूरे कुनबे सहित ग़ैरक़ानूनी तरीके से निवास कर रहा है इसके द्वारा पिछले दिनों वक़्फ़ सम्पत्ति को अपनी दादा इलाही सम्पत्ति बताकर दावा डिक्री कराने का मामला सामने आया है जिसकी जांच उच्च स्तर पर अल्पसंख्यक आयोग, सेन्ट्रल वक़्फ़ कौंसिल और वक़्फ़ बोर्ड व जिला स्तर पर चल रही है । इस नूर मौहम्मद के बारे में एक मामला और निकलकर सामने आया है ।
नूर मौहम्मद जो न तो कोई व्यापार करता है और न ही कोई रोजगार करता है लेकिन फिर भी बड़े ही शाही अंदाज में जीवन बिताता है शताब्दी जैसी ट्रेनों में सफर करता है और अपनी दबंगता भी लोगों को दिखाता है धमकियां भी देता है वक़्फ़ सम्पत्ति को अपनी दादा इलाही संपत्ति बताता है ।
आपको बताते चलें कि नूर मौहम्मद नामक व्यक्ति द्वारा रेलवे में शिकायत करने का एक शिकायती पत्र प्राप्त हुआ है जिसमे नूर मौहम्मद द्वारा अपने को एडवोकेट लिखा गया है ।
16 अगस्त 2018 को नूर मौहम्मद अपने एक साथी के साथ गाड़ी संख्या 12004 नई दिल्ली से लखनऊ को जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस में सीट नंबर 20, 21 कोच नंबर - C - 8 में सफर करता है और इंडियन रेलवे केटरिंग एन्ड टूरिज्म कारपोरेशन की कंप्लेन बुक में मैनेजर व सुपरवाइजर के विरुद्ध नाश्ता न देने की शिकायत दर्ज करता है और अपने नाम के आगे एडवोकेट लिखता है ( नूर मोहम्मद एडवोकेट ) शिकायत की कॉपी देख सकते है किस कदर एडवोकेट लिखा गया है । जबकि विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार नूर मौहम्मद के द्वारा वकालत की पढ़ाई तो दूर स्कूली शिक्षा भी ग्रहण नही की गई है ।
अब आप अंदाजा लगा सकते है और देख सकते है एक फर्जी वकील आपके सामने है ।
नूर मौहम्मद का ये कोई पहला फर्जीवाड़ा नही है । नूर मौहम्मद द्वारा सबसे पहले एक हिन्दू महिला के साथ बलात्कार किया गया व उसके साथ धोखाधड़ी की गई जिसमें बलात्कार व धोखाधड़ी के केस में आईपीसी की धारा - 376 व 420 में सजायाफ्ता मुजरिम है जो उच्च न्यायालय से अपील पर जमानत पर है ।
दूसरा फर्जीवाड़ा नूर मौहम्मद द्वारा फर्जी तरीके से वक़्फ़ की जमीन को अपनी दादा इलाही सम्पत्ति लिखकर कोर्ट में दावा डिक्री कराकर किया गया है ।
और तीसरा फर्जीवाड़ा नूर मौहम्मद द्वारा एडवोकेट न होने पर भी अपने को एडवोकेट लिखकर किया गया है ।
इस मामले में भारतीय रेलवे के अधिकारियों द्वारा जांच के बाद संभावित कार्यवाही की बात कही जा रही है ।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार नूर मौहम्मद वक़्फ़ बोर्ड में व अन्य सरकारी कार्यालयों में अपने को वकील बताकर गुमराह करता रहा है और अपना रौब गालिब करता रहा है ।
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